विसर्ग क्या है । विसर्ग संधि के विषय में बताइये विसर्ग क्या है ? 'विसर्ग ( : ) महाप्राण सूचक एक स्वर है। ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न अधि...

विसर्ग क्या है । विसर्ग संधि के विषय में बताइये विसर्ग क्या है ? 'विसर्ग ( : ) महाप्राण सूचक एक स्वर है। ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न अधि...
पास-पास स्थित दो व्यंजनों के मेल से होने वाले विकार को व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे- जगत्+नाथ = जगन्नाथ त्+न = न्न सत्+जन = सज्जन त्+ज...
बहुब्रीहि समास---- वह समास जिसमें दोनों पद अप्रधान हों तथा दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं, उसमें 'बहुव्रीहि समास...
प्रत्यय = प्रति (साथ में पर बाद में) + अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला दे...
उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके ...
पास-पास स्थित पदों के समीप विद्यमान वर्णों के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। संधि के तीन भेद होते हैं-स्वर संधि, व्यंजन संध...
द्वंद्व समास ( अंग्रेज़ी : Copulative Compound) जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर 'और', 'अथवा',...
द्विगु समास ( अंग्रेज़ी : Numeral Compound) जिस समास का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण हो, वह 'द्विगु समास' कहलाता है। इसमें समूह ...
कर्मधारय समास जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहला...
तत्पुरुष समास तत्पुरुष समास - जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे...
अव्ययीभाव समास जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। जैसे - यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु कर)...
समास का तात्पर्य है ‘संक्षिप्तीकरण’। दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं। जैसे - ‘रसोई क...
संस्कृत के जो शब्द प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी आदि से गुजरने के कारण आज परिवर्तित रूप में मिलते हैं, वे तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे- ...