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Friday, 12 December 2014
विसर्ग क्या है । विसर्ग संधि के विषय में बताइये

विसर्ग क्या है । विसर्ग संधि के विषय में बताइये विसर्ग क्या है ?   'विसर्ग ( : ) महाप्राण सूचक एक स्वर है। ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न अधि...

व्यंजन संधि

पास-पास स्थित दो व्यंजनों के मेल से होने वाले विकार को व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे- जगत्+नाथ = जगन्नाथ त्+न = न्न सत्+जन = सज्जन त्+ज...

Sunday, 7 December 2014
बहुव्रीहि समास

बहुब्रीहि समास---- वह समास जिसमें दोनों पद अप्रधान हों तथा दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं, उसमें 'बहुव्रीहि समास...

प्रत्यय

प्रत्यय = प्रति (साथ में पर बाद में) + अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना।  जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला दे...

उपसर्ग

उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना।  जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके ...

संधि

 पास-पास स्थित पदों के समीप विद्यमान  वर्णों  के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। संधि के तीन भेद होते हैं-स्वर संधि, व्यंजन संध...

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कर्मधारय समास जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहला...

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तत्पुरुष समास तत्पुरुष समास  - जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।                        जैसे...

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अव्ययीभाव समास जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। जैसे - यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु कर)...

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समास  का तात्पर्य है ‘संक्षिप्तीकरण’। दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं।  जैसे - ‘रसोई क...

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संस्कृत के जो शब्द प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी आदि से गुजरने के कारण आज परिवर्तित रूप में मिलते हैं, वे तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे- ...