- कर्मधारय समास
जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहलाता है। जैसे -
समस्त पद | समास-विग्रह | समस्त पद | समास-विग्रह |
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चंद्रमुख | चंद्र जैसा मुख | कमलनयन | कमल के समान नयन |
देहलता | देह रूपी लता | दहीबड़ा | दही में डूबा बड़ा |
नीलकमल | नीला कमल | पीतांबर | पीला अंबर (वस्त्र) |
सज्जन | सत् (अच्छा) जन | नरसिंह | नरों में सिंह के समान |
- चरणकमल - कमल के समान चरण
- कनकलता - कनक की-सी लता
- प्राणप्रिय - प्राणों के समान प्रिय
- चन्द्रमुख - चन्द्र के समान मुख
- मृगनयन - मृग के समान नयन
- देहलता - देह रूपी लता
- लालमणि - लाल है जो मणि
- परमानन्द - परम है जो आनन्द
- नीलकमल- नीला है जो कमल के समान
- गुरुदेव - गुरु रूपी देव
- भलामानस - भला है जो मानस
- लौहपुरुष- लौह के समान ( कठोर एवं शक्तिशाली ) पुरुष
Panchali ka samas vigrah kya hoga.
ReplyDeleteMarathi
ReplyDeleteदहीबड़ा में एक किताब में तत्पुरुष समास लिखा हुआ है
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