कोष्ठक '()' के भीतर मुख्यत: उस सामग्री को रखते है; जैसे- क्रिया के भेदों (सकर्मक और अकर्मक) के उदाहरण दीजिए।
- किसी कठिन शब्द को स्पष्ट करने के लिए; जैसे-आप की सामर्थ्य (शक्ति) को मैं जानता हूँ।
- नाटक में अभिनय आदि प्रकट करने हेतु; जैसे-मेघनाद- (कुछ आगे बढ़ कर) लक्ष्मण यदि सामर्थ्य है तो सामने आओ।
- विषय, विभाग सूचक अंकों अथवा अक्षरों को प्रकट करने के लिए; जैसे- संज्ञा के तीन भेद (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक और भाववाचक) हैं।
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