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Sunday 7 December 2014

कर्मधारय समास
जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहलाता है। जैसे -
समस्त पदसमास-विग्रहसमस्त पदसमास-विग्रह
चंद्रमुखचंद्र जैसा मुखकमलनयनकमल के समान नयन
देहलतादेह रूपी लतादहीबड़ादही में डूबा बड़ा
नीलकमलनीला कमलपीतांबरपीला अंबर (वस्त्र)
सज्जनसत् (अच्छा) जननरसिंहनरों में सिंह के समान
      ( सामासिक पद ) - ( विग्रह )  
  1. चरणकमल - कमल के समान चरण
  2. कनकलता - कनक की-सी लता
  3. प्राणप्रिय - प्राणों के समान प्रिय
  4. चन्द्रमुख - चन्द्र के समान मुख
  5. मृगनयन - मृग के समान नयन
  6. देहलता - देह रूपी लता
  7. लालमणि - लाल है जो मणि
  8. परमानन्द - परम है जो आनन्द
  9. नीलकमल- नीला है जो कमल के समान
  10.  गुरुदेव -  गुरु रूपी देव
  11.  भलामानस - भला है जो मानस
  12. लौहपुरुष- लौह के समान ( कठोर एवं शक्तिशाली  ) पुरुष                  

3 comments :

  1. Panchali ka samas vigrah kya hoga.

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  2. दहीबड़ा में एक किताब में तत्पुरुष समास लिखा हुआ है

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