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Sunday 7 December 2014

संस्कृत के जो शब्द प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी आदि से गुजरने के कारण आज परिवर्तित रूप में मिलते हैं, वे तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे-
क्रम संख्यासंस्कृतप्राकृतहिन्दी
1.उज्ज्वलउज्जवलउजला
2.कर्पूरकप्पूरकपूर
3.संध्यासंझासाँझ
4.हस्तहत्थहाथ
  • 'तद्भव' (तत् + भव) शब्द का अर्थ है- 'उससे होना' अर्थात संस्कृत शब्दों से विकृत होकर (परिवर्तित होकर) बने शब्द।
  • हिन्दी में अनेक शब्द ऐसे हैं, जो निकले तो संस्कृत से ही हैं, किंतु प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी से गुजरने के कारण बहुत बदल गए हैं।

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